महामारी से निपटने के लिए 50 लाख देंगे गौतम गंभीर, 5146 लोग हिरासत में, डीटीसी बसों में बढ़ी सतर्कता

कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए जनप्रतिनिधि भी आगे आने लगे हैं। कुछ ने इस महामारी को रोकने के लिए पांच-पांच लाख रुपये देने की घोषणा की है तो पूर्वी दिल्ली के सांसद पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर ने अपनी सांसद निधि से 50 लाख रुपये देने का एलान किया है।


 

गौतम गंभीर ने इस वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लोगों को घर में ही रहने की सलाह दी है। उन्होंने इस महामारी की रोकथाम के लिए दिल्ली सरकार को 50 लाख रुपये दिए हैं। यह रकम अस्पतालों में और लोगों की जांच के लिए इस्तेमाल की जाएगी।

कर्फ्यू का पालन नहीं करने के आरोप में 5146 लोग हिरासत में, 1018 गाड़ियों का चालान
दिल्ली पुलिस ने सख्ती बरतते हुए कर्फ्यू का पालन नहीं करने के आरोप में 5146 लोगों को हिरासत में ले लिया। इसके अलावा 1018 गाड़ियों का चालान किया गया है। कर्फ्यू के तहत मंगलवार को पुलिस पूरी तरह मुस्तैद दिखी। सुबह से ही पुलिस सभी इलाकों में गश्त लगाकर लोगों से घरों में रहने की अपील की। आदेश नहीं मानने वालों पर कार्रवाई की गई। पुलिस ने बेवजह घूमने के आरोप में 299 लोगों पर मामला दर्ज किया है। उधर, पुलिस ने 2319 लोगों को कर्फ्यू पास जारी किए। आवश्यक कार्य से जुड़े लोगों की मंगलवार को जिले के सभी डीसीपी कार्यालयों के बाहर भीड़ लगी रही। 

 
बसों में कोरोना संक्रमण से बचने के लिए और अधिक सतर्कता जरूरी 
कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन के दूसरे दिन भी डीटीसी बसों में लोगों की भीड़ दिखी। बसों के अंतराल बढने की वजह से इंतजार के बाद आने वाली बसों में यात्रियों की संख्या बढने से संक्रमण का खतरा कम नहीं हो रहा है। ऐसे में केवल बेहद जरूरी काम होने पर ही बसों में सफर करें। इस दौरान अधिक से अधिक सावधानियां यात्री खुद बरतें ताकि संक्रमण के खतरे को टाला जा सके। 
बसों की कम संख्या होने की वजह से कुछ रूट पर यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी के कारण सामाजिक दूरियां बनाने की कोशिशें भी नाकाफी साबित हो रही हैं। प्रदेश सरकार ने 25 फीसदी बसें सड़कों पर उतारी थी, लेकिन बसों के संचालन के लिए अंतराल बढ़ाए जाने की वजह से कुछ रूट पर भीड़ बनी रही। 

जसमीत सिंह ने ट्वीट पर एक विडियो शेयर करते हुए कहा है कि डीटीसी बसों में भारी भीड़ होने की वजह से कोरोना संक्रमण से बचना मुश्किल हो जाएगा। हालांकि सरकार की ओर से बसों की संख्या में कटौती के बाद केवल बेहद जरूरी कार्यों के सिलसिले में आने जाने वालों के लिए ही बसें संचालित हो रही हैं। लेकिन बस में सवार सभी यात्री अभी भी बचाव के लिए रुमाल या मास्क का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं।

भीड़ अधिक होने पर बसों में न तो यात्रियों के बीच अधिक दूरी होती है और न ही किसी तरह के संक्रमण के खतरे से इंकार किया जा सकता है। हालांकि रोजाना बसों को सेनिटाइज किया जा रहा है, लेकिन अगर बसों में भीड़ कम नहीं हुई तो संक्रमण के खतरे को टालना मुश्किल होगा।